पूरा शहर धुएं की भट्टी में जलेगा
समाचार दुनिया भर में चलेगा
दिल जलेगा दिमाग जलेगा
एक बड़ा फिक्र है घर कैसे चलेगा
श्वाश रुकेगा, दिल धड़केगा,
घुटन से जीवन दो दो हाथ करेगा
बेचैनी बेबसी और क्या होगा
शहर को जीना है जीता रहेगा
धुआं बिना भेदभाव के सबसे
साथ समान व्यवहार करेगा
क्या गरब, क्या आमिर,
समान दम सबका घुटेगा
किसने किया पैदा धुआ
क्यों हवाओं में घुला धुआ
फेफड़ों को कहाँ बतायेगा
काला बदरंग घना धुयाँ
किसने पूछा क्यों हुआ शहर
धुआ धुआ, किसने जवाब
दिया जो आदमी ने दिया
है कुदरत को यही है वो
धुआ धुआ
छोड़ दिया सबने आना शहर में
मगर कहाँ जाते कुछ कुत्ते
कुछ भिखारी, कुछ बेघर
कुछ मजबूर, सो उन्होंने
भी कह दिया क्या करें
जब किस्मत है धुआ धुआ
जला दिल मजबूरों का
निकला धुआ मिला धूए से धुआ
हो गया शहर धुआ धुआ