लोग क्या कहेंगे,
यही सोच कर मौन है वो।
अन्याय के खिलाफ,
एक शब्द भी ना फूटा।
रुपया जमा किया गया खातों में,
यह सत्य था।
मगर कहे कौन,
बिल्ली के गले में घंटी बांधे कौन।
तीनों है सरकारी ,कमाल देखिए।
लिखा है पत्र, जी का जंजाल देखिए।
न साथ आए कोई मेरे, लड़ेंगे भ्रष्ट सिस्टम से अकेले।
न्याय होगा, ईश्वर साथ है मेरे।