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The Flower of WordThe Flower of Word by Vedvyas Mishra The Flower of WordThe novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra

कविता की खुँटी

        

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The Flower of Word by Vedvyas MishraThe Flower of Word by Vedvyas Mishra
Dastan-E-Shayara By Reena Kumari Prajapat

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The novel 'Nevla' (The Mongoose), written by Vedvyas Mishra, presents a fierce character—Mangus Mama (Uncle Mongoose)—to highlight that the root cause of crime lies in the lack of willpower to properly uphold moral, judicial, and political systems...The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra

कविता की खुँटी

                    

कुछ पल अपने लिए जी लेते हैं


चल साथी !
अब कुछ पल अपने लिए भी जी लेते हैं ।

कदम से कदम बहुत मिला लिया
अब हाथ थाम कर चलते हैं
थोड़ी ज़िम्मेदारियाँ ही बच गई बाकी
उनको भी पूरा कर
अपने लिए भी कुछ ज़िम्मेदारी निभा लेते हैं
चल साथी !
अब कुछ पल अपने लिए भी जी लेते हैं ..

सांसों का क्या ठिकाना
किराए का यह घर कब खाली कर दे
जितनी भी बची है ज़िन्दगी
उनसे अधूरे कुछ ख्वाब पूरे कर लेते हैं
चल साथी !
कुछ पल अपने लिए भी जी लेते हैं ..

लड़ना-झगड़ना,रूठना-मनाना बहुत हो गया
विचारों का मतभेद अब क्या बदलेगा
अकेले रहने का अवसर कब आ जाएगा
अपनी भावनाओं को छुपाने का हुनर सीख लेते हैं
चल साथी !
थोड़ा सा वक्त एक दूसरे के साथ बिता लेते हैं
अब कुछ पल अपने लिए भी जी लेते हैं ..
वन्दना सूद


यह रचना, रचनाकार के
सर्वाधिकार अधीन है


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रचना के बारे में पाठकों की समीक्षाएं (5)

+

रीना कुमारी प्रजापत said

Bahut sundar

वन्दना सूद replied

🙏🙏😊

सुभाष कुमार यादव said

सुंदर रचना।👌👌👌

वन्दना सूद replied

🙏🙏

Lekhram Yadav said

जब वक्त और मौका दोनों हों तो कुछ पल अपने लिए भी जीना चाहिए, यही अपनापन है, बहुत सुन्दर रचना, आपको सादर नमस्कार

वन्दना सूद replied

Shukriya sir 🙏🙏आपको नमस्कार

श्रेयसी said

बहुत सुंदर रचना 👌👌🙏🙏

वन्दना सूद replied

🙏🙏

कमलकांत घिरी said

बहुत सुंदर रचना मैम, जिंदगी मिली है तो अपने लिए भी तो जीना बनता है😁 बहुत मस्त मैम 👌🙏 मेरा सादर प्रणाम आपको 🙏

वन्दना सूद replied

🙏🙏😊shukriya ji

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