हसना चाहता हूं मिलना भी चाहता हूं
पर दिल मुझे कहीं ठहरने नहीं देता
तुम पूछ रहेहो मुझसे दिल की आरजू
तुम अपने खिलोनो को छूने भी नहीं देता
में खुद ही उठाता हु सारा बोज वफ़ा का
ये जिम्मेदारी किसी को में उठाने नहीं देता
हे कौन वो शख्सीयत जीसे मे जानता नहीं
में चाहता हूं तुझको तो चाहने भी नहीं देता
के बी सोपारीवाला