नए अफसाने
इस व्यस्त सी जिंदगी से
कुछ पल चुराकर
दिल की दो बातें
सुनाकर तो देखो
कुछ अपनी कहो
कुछ हमारी सुनो
फिर से हमारी दोस्ती
आजमा कर तो देखो ।।
आ गई थी दरारें
जो हमारी दोस्ती में
इन बीती बातों को
भुलाकर तो देखो।।
कब तलक रहोगे
यूं जिद पकड़कर
फिर जिंदगी से हाथ
मिलाकर तो देखो ।।