New रचनाकारों के अनुरोध पर डुप्लीकेट रचना को हटाने के लिए डैशबोर्ड में अनपब्लिश एवं पब्लिश बटन के साथ साथ रचना में त्रुटि सुधार करने के लिए रचना को एडिट करने का फीचर जोड़ा गया है|
पटल में सुधार सम्बंधित आपके विचार सादर आमंत्रित हैं, आपके विचार पटल को सहजता पूर्ण उपयोगिता में सार्थक होते हैं|

Show your love with any amount — Keep Likhantu.com free, ad-free, and community-driven.

Show your love with any amount — Keep Likhantu.com free, ad-free, and community-driven.



The Flower of WordThe Flower of Word by Vedvyas Mishra

कविता की खुँटी

        

New रचनाकारों के अनुरोध पर डुप्लीकेट रचना को हटाने के लिए डैशबोर्ड में अनपब्लिश एवं पब्लिश बटन के साथ साथ रचना में त्रुटि सुधार करने के लिए रचना को एडिट करने का फीचर जोड़ा गया है|
पटल में सुधार सम्बंधित आपके विचार सादर आमंत्रित हैं, आपके विचार पटल को सहजता पूर्ण उपयोगिता में सार्थक होते हैं|

The Flower of Word by Vedvyas MishraThe Flower of Word by Vedvyas Mishra
Show your love with any amount — Keep Likhantu.com free, ad-free, and community-driven.

Show your love with any amount — Keep Likhantu.com free, ad-free, and community-driven.

Dastan-E-Shayra By Reena Kumari PrajapatDastan-E-Shayra By Reena Kumari Prajapat

कविता की खुँटी

                    

किसको अपना ज़ख़्म दिखायें - गज़ल - वेदव्यास मिश्र

किसको अपना ज़ख़्म दिखायें,
बुत भरे हैं शहर में सारे !!
किसको अपना हाल सुनायें,
मतलबी हैं शहर में सारे  !!

पैसे को ही पूजते हैं सब,
पैसे से पहचान है सारी !!
स्टेटस से पूछ-परख है,
परमारथ से दूर हैं सारे !!

मानवता मर गई यहाँ पर ,
मानव कोई रहता नहीं अब !!
बाहर से चलते-फिरते पर,
अन्दर से बेदम है सारे !!

- वेदव्यास मिश्र की सेंसिटिव कलम से


यह रचना, रचनाकार के
सर्वाधिकार अधीन है


समीक्षा छोड़ने के लिए कृपया पहले रजिस्टर या लॉगिन करें

रचना के बारे में पाठकों की समीक्षाएं (10)

+

रीना कुमारी प्रजापत said

सेंसिटिव कलम को हमारा सलाम👌👌👏🙏🙏

वेदव्यास मिश्र said

रीना कुमारी प्रजापत जी, सादर हरि स्मरण !! आभार 🙏🙏

अशोक कुमार पचौरी 'आर्द्र' said

स्टेटस से पूछ-परख है, परमारथ से दूर हैं सारे Uttam panktiyan acharya ji bahut khoob kaha 🙏🙏

Maahi Singh said

Bilkul thik kha..aaj kal log peso se bat krte hain insan se nahi. Isly pese kamao or status bhi. Brna kisi corner m khda kr degi dunia or bhul jayegi ki bha koi khda ha.

Prachi said

Kmaal kr dia aapki sensitive kalam ne.

वन्दना सूद said

True lines 🙏🙏

वेदव्यास मिश्र said

अशोक कुमार पचौरी 'आर्द्र' जी, आपकी उपस्थिति पाकर मैं धन्य हुआ भाई अनुज श्री अशोक योद्धा जी !! आज यहाँ आपको पाकर हमारे अन्दर जान आ गई !! नमन नतमस्तक ईश्वर को 💝💝🍵🍵💝🌈

वेदव्यास मिश्र said

Maahi Singh जी, ये हो चुका है भाई साहब रियल में !! बहुत खतरनाक है ये दुनिया.. बेरहम है !! अगर इसके असलियत रूप से बचना है तो कुछ भी करके दो पैसे कमा ले आदमी..वरना तकिया कलाम हाजिर है अगर हजार रूपया भी माँग लो कभी तो...पहले बताना था ना..अभी तो मेरे पास फूटी कौड़ी नहीं है .. ज़हर खाने के लिए पैसे नहीं है !! आभार भाई साहब सुन्दर विवेचनात्मक समीक्षा देने के लिए 🙏🍵🍵🙏

वेदव्यास मिश्र said

Prachi जी, आभार नमस्कार प्राची जी 🙏💝💝🙏

वेदव्यास मिश्र said

वन्दना सूद जी, हृदयंगम आभार नमन 🙏💝💝🙏

कविताएं - शायरी - ग़ज़ल श्रेणी में अन्य रचनाऐं




लिखन्तु डॉट कॉम देगा आपको और आपकी रचनाओं को एक नया मुकाम - आप कविता, ग़ज़ल, शायरी, श्लोक, संस्कृत गीत, वास्तविक कहानियां, काल्पनिक कहानियां, कॉमिक्स, हाइकू कविता इत्यादि को हिंदी, संस्कृत, बांग्ला, उर्दू, इंग्लिश, सिंधी या अन्य किसी भाषा में भी likhantuofficial@gmail.com पर भेज सकते हैं।


लिखते रहिये, पढ़ते रहिये - लिखन्तु डॉट कॉम


© 2017 - 2025 लिखन्तु डॉट कॉम
Designed, Developed, Maintained & Powered By HTTPS://LETSWRITE.IN
Verified by:
Verified by Scam Adviser
   
Support Our Investors ABOUT US Feedback & Business रचना भेजें रजिस्टर लॉगिन