हमारे गली में एक प्यारा कुत्ता है
दिखने में वह फिर बहुत अच्छा लगता है
उसके पास जाओ तो सामने आता है
बड़ा खुश हो कर दुम अपनी हिलाता है
वह किसी से भी कभी नहीं डरता है
रात भर गली में भौं भौं
भोंक कर चौकीदारी करता है
अगर रात में आदमी
बगैर पहचान का आता है
जोर जोर भोंक कर
वह उसे भगाता है
इतना अच्छा कुत्ता
न तो उसका नाम है
देखो देखो उसका
कितना अच्छा काम है
ऐसा काम करके भी
हम से कुछ लेता नहीं
रोटी का एक टुकड़ा
उसे कोई देता नहीं
कम से कम हम में से
कोई तो उसे एक दो रोटी खिलाता
वह बेचारा खुशी खुशी खाता
इस में हमारा कौन सा क्या जाता ?
वह बेचारा खुशी खुशी खाता
इस में हमारा कौन सा क्या जाता......?
----नेत्र प्रसाद गौतम