ना ज़ख्म दिखाना हर किसी को,
कुरेदेंगे और मजा लेंगे !!
ना मिलेगा पास मलहम किसी के,
पर नमक मिलेगा हर हाथों में !!
सुन्दरता तो है दो दिन की मगर,
सोचते हैं कि होगी सदियों के लिए !!
धोखा है ये सिर्फ नज़रों का,
सिर्फ नज़रों पे हर पल ना जाइये !!
ना दुखड़ा सुनाना हर किसी को,
लोग सुनकर मजा लेंगे !!
समाधान कुछ ना मिलेगा,
आग को और भी वो हवा देंगे !!
जब अपने ही खुद के सगे नहीं,
तो बाहर का क्या भरोसा !!
है फुर्सत किसे आजकल बन्धु ,
देखते ही सब रास्ता बदलेंगे !!
ठगे से रहोगे ग़म बताकर,
पीठ पीछे वो फब्तियाँ कसेंगे !!
----वेदव्यास मिश्र
सर्वाधिकार अधीन है