New रचनाकारों के अनुरोध पर डुप्लीकेट रचना को हटाने के लिए डैशबोर्ड में अनपब्लिश एवं पब्लिश बटन के साथ साथ रचना में त्रुटि सुधार करने के लिए रचना को एडिट करने का फीचर जोड़ा गया है|
पटल में सुधार सम्बंधित आपके विचार सादर आमंत्रित हैं, आपके विचार पटल को सहजता पूर्ण उपयोगिता में सार्थक होते हैं|

Show your love with any amount — Keep Likhantu.com free, ad-free, and community-driven.

Show your love with any amount — Keep Likhantu.com free, ad-free, and community-driven.



The Flower of WordThe Flower of Word by Vedvyas Mishra

कविता की खुँटी

        

New रचनाकारों के अनुरोध पर डुप्लीकेट रचना को हटाने के लिए डैशबोर्ड में अनपब्लिश एवं पब्लिश बटन के साथ साथ रचना में त्रुटि सुधार करने के लिए रचना को एडिट करने का फीचर जोड़ा गया है|
पटल में सुधार सम्बंधित आपके विचार सादर आमंत्रित हैं, आपके विचार पटल को सहजता पूर्ण उपयोगिता में सार्थक होते हैं|

The Flower of Word by Vedvyas MishraThe Flower of Word by Vedvyas Mishra
Show your love with any amount — Keep Likhantu.com free, ad-free, and community-driven.

Show your love with any amount — Keep Likhantu.com free, ad-free, and community-driven.

Dastan-E-Shayra By Reena Kumari PrajapatDastan-E-Shayra By Reena Kumari Prajapat

कविता की खुँटी

                    

ना ज़ख्म दिखाना हर किसी को - वेदव्यास मिश्र

ना ज़ख्म दिखाना हर किसी को,
कुरेदेंगे और मजा लेंगे !!
ना मिलेगा पास मलहम किसी के,
पर नमक मिलेगा हर हाथों में !!

सुन्दरता तो है दो दिन की मगर,
सोचते हैं कि होगी सदियों के लिए !!
धोखा है ये सिर्फ नज़रों का,
सिर्फ नज़रों पे हर पल ना जाइये !!
ना दुखड़ा सुनाना हर किसी को,
लोग सुनकर मजा लेंगे !!
समाधान कुछ ना मिलेगा,
आग को और भी वो हवा देंगे !!

जब अपने ही खुद के सगे नहीं,
तो बाहर का क्या भरोसा !!
है फुर्सत किसे आजकल बन्धु ,
देखते ही सब रास्ता बदलेंगे !!
ठगे से रहोगे ग़म बताकर,
पीठ पीछे वो फब्तियाँ कसेंगे !!

----वेदव्यास मिश्र


यह रचना, रचनाकार के
सर्वाधिकार अधीन है


समीक्षा छोड़ने के लिए कृपया पहले रजिस्टर या लॉगिन करें

रचना के बारे में पाठकों की समीक्षाएं (3)

+

रीना कुमारी प्रजापत said

सही कहा आपने हम किसी को अपने गम बताते हैं और सामने वाला हमे कोई responce नहीं देता है जिससे हमे बहुत ही बुरा लगता है इसलिए यही सही है कि जो भी है अपने में ही रखो किसी को बताओ ना क्योंकि लोग पागल समझते हैं

वेदव्यास मिश्र replied

तहे दिल से शुक्रिया आभार मैम रीना प्रजापत जी 🙏🙏 बहुत अच्छा लग रहा है आपकी अनमोल प्रतिक्रिया पाकर !! रचना ही है जिसके माध्यम से हम आपस में जुड़े हैं और उम्मीद है..रचनात्मक अभिव्यक्ति के माध्यम से ये भावनाओं का प्रवाह जारी रहेगा !! नमस्कार सधन्यवाद 🌈🌈

Manju Sharma said

Bahut sundar rachna 👍

वेदव्यास मिश्र said

Manju Sharma जी, उत्साहवर्धन के लिए हृदयतल से आभार 🙏💜💜🙏

कविताएं - शायरी - ग़ज़ल श्रेणी में अन्य रचनाऐं




लिखन्तु डॉट कॉम देगा आपको और आपकी रचनाओं को एक नया मुकाम - आप कविता, ग़ज़ल, शायरी, श्लोक, संस्कृत गीत, वास्तविक कहानियां, काल्पनिक कहानियां, कॉमिक्स, हाइकू कविता इत्यादि को हिंदी, संस्कृत, बांग्ला, उर्दू, इंग्लिश, सिंधी या अन्य किसी भाषा में भी likhantuofficial@gmail.com पर भेज सकते हैं।


लिखते रहिये, पढ़ते रहिये - लिखन्तु डॉट कॉम


© 2017 - 2025 लिखन्तु डॉट कॉम
Designed, Developed, Maintained & Powered By HTTPS://LETSWRITE.IN
Verified by:
Verified by Scam Adviser
   
Support Our Investors ABOUT US Feedback & Business रचना भेजें रजिस्टर लॉगिन