कविता : चप्पल और जूता....
किसी ने पूछा मुझ को, तुझे चप्पल
और जूता में क्या ठीक लगता है ?
क्या तू मेरी इस बात को
सट कट में बता सकता है ?
मैं बोला, जूता... जूता है चप्पल...
चप्पल है ये दोनों भिन्न हैं
मगर जनाब मेरे लिए तो
ये दोनों ही अभिन्न हैं
गर्मी में चप्पल सही तो
सर्दी में जूता सही है
इन दोनों में खास फरक
कुछ भी तो नहीं है
वैसे चप्पल पैरों में
पहनना आसान है
मगर जूता का भी
एक अलग ही शान है
मगर जूता का भी
एक अलग ही शान है.......
netra prasad gautam