जब दिल में अँधेरा बसने लगे
बाहर की रोशनी चुभने लगे
जब गम की अपने थाह न पाओ
निराश न हो, मुस्कुराओ
जब करे अकेलापन कमज़ोर
सन्नाटा फैला हो हर ओर
कोई अपना ढूंढे न पाओ
निराश न हो, मुस्कुराओ
तेरी ख़ुशी किसी की बपौती नहीं
जिन्दगी इतनी सस्ती नहीं
उलझने कहां नहीं, ये बताओ
निराश ना हो, मुस्कुराओ
चित्रा बिष्ट