हर लड़की देखती शादी का ख्वाब।
हो जाने पर ढूँढती सवालों के जबाव।।
किसी किसी का नसीब खुल जाता।
बदली आबोहवा में मिल जाता हिसाब।।
हर खोई चीज़ ढूँढ कर देती मालकिन।
खुद खोई न मिली उसका नहीं हिसाब।।
परिस्थितियों पर पकड़ उसकी मजबूत।
अंगद जैसा पैर ज़माया कोई नही जबाव।।
हरेक देखना चाहे 'उपदेश' उसका राज।
वीडियो कॉल दिखाए कोई नही जबाव।।
- उपदेश कुमार शाक्यावार 'उपदेश'
गाजियाबाद