सामूहिक शक्ति का गान
शिवानी जैन एडवोकेट Byss
विजय अकेली नहीं आती अक्सर, साथ में जुड़ते हैं कई हाथ,
एकजुट होकर जब चलते हैं कदम, बदल जाती है हर बात।
विश्वास की डोर से बंधे हुए मन, रचते हैं अद्भुत इतिहास,
सामूहिक प्रयास की शक्ति ही, दिलाती है विजय का मधुमास।
मतभेद भुलाकर एक हो जाओ, लक्ष्य को अपना मानो ध्येय,
हर चुनौती बौनी पड़ जाएगी, जब मिलकर करोगे तुम जेय।
विजय का यह उत्सव तभी सजता, जब हर कंठ में हो एक गान,
एकता की शक्ति से ही होता, हर मुश्किल का आसान निदान।