शायद अब कुछ भी इलाज़ नहीं दुआ के सिवा देख के सादगी मेरी भी कोई सुनता नहीं खुदा के सिवा
देख के हमें गर्दिश ए हालात में तुम भी खुश हुए किया है आज अर्ज तुमसे मिला क्या सजा के सिवा
सुनाना चाहा अक्सर मैने बात दिल की तुम्हें और होकर मगरुर तुने भी दिया हमें क्या खता के सिवा
है रजा क्या तेरी ये भी हम समझ ना पाए हैं कभी बात मेरे दिल की भी ना समझोगे तुम खफा के सिवा
तुम ना राजी होगे मुझसे कभी ये भी मैं जानता हूं परख लिया अर्ज करके दर्द क्या जानो खुदा के सिवा
🙏मेरी स्वरचित गज़ल अहसास ए दर्द🙏