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The Flower of WordThe Flower of Word by Vedvyas Mishra The Flower of WordThe novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra

कविता की खुँटी

        

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Dastan-E-Shayara By Reena Kumari Prajapat

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The novel 'Nevla' (The Mongoose), written by Vedvyas Mishra, presents a fierce character—Mangus Mama (Uncle Mongoose)—to highlight that the root cause of crime lies in the lack of willpower to properly uphold moral, judicial, and political systems...The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra

कविता की खुँटी

                    

मुस्कुराने के लिए वजह

मुस्कुराने के लिए वजह का होना ज़रूरी नहीं,
बिना वजह भी मुस्कुराया जा सकता है।

जीने के लिए किसी का साथ ज़रूरी नहीं,
तन्हाई में भी शान से जीया जा सकता है।

प्यार के लिए रूबरू होना ज़रूरी नहीं,
प्यार कोसों दूर से भी निभाया जा सकता है।

हाल - ए - दिल बयां करने को लफ़्ज़ ज़रूरी नहीं,
एहसास से भी दिल की बात को जाना जा सकता है।

ख़ामोशियाॅं मिटाने जो ज़ुबां ज़रूरी नहीं,
आँखों से भी चुप्पी को तोड़ा जा सकता है।

-रीना कुमारी प्रजापत 💐




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रचना के बारे में पाठकों की समीक्षाएं (5)

+

Lekhram Yadav said

बहुत खूबसूरत रचना आपको सादर नमस्कार

रीना कुमारी प्रजापत replied

🙏🙏

उपदेश कुमार शाक्यावार said

ख़ामोशियाॅं मिटाने को ज़ुबां जब कैद में हो....आँखों से भी चुप्पी को तोड़ा जा सकता है। लाजवाब

रीना कुमारी प्रजापत replied

शुक्रिया 🙏

सुप्रिया साहू said

बहुत ही खूबसूरत गज़ल 👌👌, आपको सादर प्रणाम मैम 🙏🙏।

रीना कुमारी प्रजापत replied

Thanks Supriya ji

सुभाष कुमार यादव said

वाह...! बेहतरीन ग़ज़ल।👌👌👌🙏

रीना कुमारी प्रजापत replied

शुक्रिया 🙏

कमलकांत घिरी said

क्या बात है दीदी जी इस भरी गर्मी में बादल की तरह छा गई आप, आपको सादर नमस्कार दीदी जी 🙏😊

रीना कुमारी प्रजापत replied

Ji Bhai humane socha ki is garmi mein humare Bhai ko bahut dhoop lag rahi hogi to kyo na bhai ko garmi se bachane ke liye hum baadal ban jaye... Waise humare yahan ka mousam filhaal thanda or tufaani mizaaj liye baitha hai....bahut bahut dhanyawad apka 😊

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