संघर्ष मई इस जीवन से,
....कब तक आस लगाऊं मैं(2),
क्या बाधाओं के आगे,
....आज झुक जाऊं में,
या फिर लक्ष्य भेदने खातिर,
....अर्जुन सी प्रतिज्ञा हो मेरी,
या फिर कायरो के भाती,
....चुनौतियों से डर जाऊं मैं,
संघर्ष मई इस जीवन से,
....कब तक आस लगाऊं मैं(2),
क्या चुनौति के पर्वत से,
....आज फिर डर जाऊं मैं,
या दशरथ मांझी सा हौसला रख,
.... परबत से टकराउ मैं,
या बनकर करण,
.... अन्याय का साथ देता रहूं,
या बन भीम,
....चुनौतियों से टकराऊँ मैं,
संघर्ष मई इस जीवन से,
....कब तक आस लगाऊं मैं(2),
कवि राजू वर्मा .... द्वारा लिखित
मई 04/2025
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