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The Flower of WordThe Flower of Word by Vedvyas Mishra The Flower of WordThe novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra

कविता की खुँटी

        

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The Flower of Word by Vedvyas MishraThe Flower of Word by Vedvyas Mishra
Dastan-E-Shayara By Reena Kumari Prajapat

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The novel 'Nevla' (The Mongoose), written by Vedvyas Mishra, presents a fierce character—Mangus Mama (Uncle Mongoose)—to highlight that the root cause of crime lies in the lack of willpower to properly uphold moral, judicial, and political systems...The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra

कविता की खुँटी

                    

मुझे लोग सारे अब पढ़ने लगे हैं - अभिव्यक्ति गीत- वेदव्यास मिश्र

मुझे लोग सारे अब पढ़ने लगे हैं,
थोड़ा ही सही पर समझने लगे हैं !!

किताबें न समझें शिकायत नहीं,
पन्ने ही समझके पलटने लगे हैं !!

पहले-पहल जब लिखता था मैं,
थी कक्षा में पीछे की कुर्सी पसंद !!
शिक्षक थे नाराज़ मुझसे बहोत,
आख़िर है क्या इसकी कोई वज़ह !
अब वे वज़ह सब समझने लगे हैं !!

समझाते थे सब है आदत बुरी,
लिखने से मिलता ही है क्या आख़िर !!
ना ही समीर है ना अन्जान तू ,
ना आनन्द बख्शी की औलाद तू !!
मना करते थे वे मनाने लगे हैं !!
वे लिखने लगे लिखवाने लगे हैं !!

जंगल का जंगला न बनना कभी,
हिम्मत करो और आगे बढ़ो !!
जो प्रांकुर बनेगा खिलेगा भी वो,
खिलेगा जो यारो वो फैलेगा भी !!
सावन में जो मुरझाया कभी,
वही फूल पतझर में खिलने लगे हैं !


यह रचना, रचनाकार के
सर्वाधिकार अधीन है


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रचना के बारे में पाठकों की समीक्षाएं (7)

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अशोक कुमार पचौरी 'आर्द्र' said

प्रणाम आचार्य जी, बहुत ही सुन्दर प्रस्तुति - प्रस्तुत की है मुझ जैसे स्टार्टर बैक benchor के लिए, अवश्य ही किसी भी व्यक्ति को शुरुआत करनी चाहिए किसी भी कार्य की एक अच्छा सन्देश भी प्रस्तुत किया है आपने जब तक शुरुआत नहीं होगी सफलता या असफलता कैसे निर्धारित होगी , और आपको पढ़ने की बात रही तो इंतज़ार में पलकें बिछाकर बैठे हैं श्रीमान

अर्पिता पांडेय said

Bahut khoob sadar naman

रीना कुमारी प्रजापत said

Very very heart touching 🙏

वेदव्यास मिश्र said

अशोक कुमार पचौरी 'आर्द्र' जी, मेरे हृदयप्रिय अनुज श्री जी की समीक्षा हमेशा ही रिचार्ज करती है..उद्वेलित करती है और प्रफुल्लित भी !! मेरा सीना चौड़ा हो जाता है आपका सानिध्य पाकर !! शुभाशीष नमन मेरे हिय प्रिय अशोक बन्धु 🌿🌿💜💜🌿🌿

वेदव्यास मिश्र said

रीना कुमारी प्रजापत, काव्य की अनंनतरिम प्रतिभा से भरी हुई एक विशेष प्रतिभा की धनी रीना जी से जब भी मिलता हूँ ..एक सुकून सा मिलता है ..एक उत्साह सा मिलता है !! हृदयाभिनंदन 🙏🙏💜💜🙏🙏

वेदव्यास मिश्र said

Arpita pandey जी, नमन आपको भी अर्पिता जी !! आपका ये खूबसूरत नाम आलोकित करता है कवि मन को कि हमारा साहित्य..हमारी सोच समर्पित है इस साहित्य जगत के लिए..इस धरा के लिए !! आपकी प्रतिक्रिया हृदय पुलकित कर गई मैम !! नमन प्रेम 🌿🌿💜💜🌿🌿

डॉ कृतिका सिंह said

Prayas karna ya na karna hi Parinam tay karta hai. Bahut sundar geet.

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