मुझे अब नींद की तलब नहीं।
रातों को जागना अच्छा लगता है।।
मुझे नहीं मालूम कि आप मेरी किस्मत में
हो या नहीं।
मगर खुदा से आपको मांगना अच्छा
लगता है।।
जाने मुझे हक है या नहीं।
पर आपकी परवाह करना अच्छा लगता है।।
आपसे प्यार करना सही है या नहीं।
पर इस एहसास को जीना अच्छा लगता है।।
कभी हम साथ होंगे या नहीं।
पर यह ख्वाब देखना अच्छा लगता है।।
आप मेरे हो या नहीं
पर आपको अपना कहना अच्छा लगता है।
दिल को बहलाया बहुत पर मानता ही नहीं।
शायद इसे भी आपके लिए धड़कना
अच्छा लगता है।।
ताज मोहम्मद
लखनऊ

The Flower of Word by Vedvyas Mishra
The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra



The Flower of Word by Vedvyas Mishra




