उसका नाम सोचकर मुस्की आती।
चुपके से आई अब क्यों नही आती।।
फितरत मिले या न मिले मन आतुर।
बहाव में बहती किनारे नही मिलती।।
उसकी शक़्ल सूरत बस गई मन में।
दूरियों में पहले सी खुशी नही मिलती।।
उसकी महक हवा में घुली लग रही।
शहर में संगत अब अच्छी नही मिलती।।
रख-रखाव वाली शक़्ल से 'उपदेश'।
मेरी महबूबा की शक़्ल नही मिलती।।
- उपदेश कुमार शाक्यावार 'उपदेश'
गाजियाबाद

The Flower of Word by Vedvyas Mishra
The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra



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