Newसभी पाठकों एवं रचनाकारों से विनम्र निवेदन है कि बागी बानी यूट्यूब चैनल को सब्सक्राइब करते हुए
उनके बेबाक एवं शानदार गानों को अवश्य सुनें - आपको पसंद आएं तो लाइक,शेयर एवं कमेंट करें Channel Link यहाँ है

Show your love with any amount — Keep Likhantu.com free, ad-free, and community-driven.

Show your love with any amount — Keep Likhantu.com free, ad-free, and community-driven.



The Flower of WordThe Flower of Word by Vedvyas Mishra The Flower of WordThe novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra

कविता की खुँटी

        

Newसभी पाठकों एवं रचनाकारों से विनम्र निवेदन है कि बागी बानी यूट्यूब चैनल को सब्सक्राइब करते हुए
उनके बेबाक एवं शानदार गानों को अवश्य सुनें - आपको पसंद आएं तो लाइक,शेयर एवं कमेंट करें Channel Link यहाँ है

The Flower of Word by Vedvyas MishraThe Flower of Word by Vedvyas Mishra
Dastan-E-Shayara By Reena Kumari Prajapat

Dastan-E-Shayara By Reena Kumari Prajapat

The novel 'Nevla' (The Mongoose), written by Vedvyas Mishra, presents a fierce character—Mangus Mama (Uncle Mongoose)—to highlight that the root cause of crime lies in the lack of willpower to properly uphold moral, judicial, and political systems...The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra

कविता की खुँटी

                    

मेरे पापा

पापा आखिर ऐसे क्यों है आप.....?
पापा क्यों इतनी तकलीफ़ उठाते हैं आप मेरे लिए,
क्यों हर वक्त दुनियां से लड़ जाते हैं आप मेरे लिए।
बचपन से देखती आई हूॅं,
हर दर्द जो है मेरे हिस्से का उसे अपना बना लेते हैं आप।

बचपन से देखती आई हूॅं,
आज पच्चीस बरस हो गये हैं
आज भी मुझसे उतना ही प्यार करते हैं
जितना बचपन में किया करते थे आप।

लड़खड़ाते हुए पैरों से,इस उम्र में भी,
हो चाहे कड़ी धूप,हो चाहे जाड़े की कड़कती ठंड
या फिर हो सावन की लगी घनघोर बरसात की झड़ी, मेरे साथ मेरी हर तकलीफ़ में हमेशा खड़े रहते हैं आप।

पापा अपनी तकलीफ़ किसी को बताते नहीं
है आप,
रह ना जाए मेरी तकलीफ़ों को दूर करने में कोई कसर
इसलिए अपनी तकलीफ़ों को सहते रहते हैं आप
पापा आखिर ऐसे क्यों है आप.....?
"रीना कुमारी प्रजापत"




समीक्षा छोड़ने के लिए कृपया पहले रजिस्टर या लॉगिन करें

रचना के बारे में पाठकों की समीक्षाएं (5)

+

Lekhram Yadav said

पापा पापा ही हैं उनका कोई सानी नहीं है। लाजवाब रचना है।

रीना कुमारी प्रजापत replied

Bahut bahut dhanyawad apka

मोहन कुमार said

Uttam rachna do do bar padhne ko mili, papa se badhkar koi nahi

रीना कुमारी प्रजापत replied

Bahut bahut shukriya sir ji

Manju Sharma said

Sundar Rachna Papa ji ki yaad aagyi aaj

रीना कुमारी प्रजापत replied

धन्यवाद मेम

अशोक कुमार पचौरी 'आर्द्र' said

Bahut hi bhavnatmak rachna 🙏🙏 bhavuk kar diya aapne Pranam 🙏🙏 sweekar karein

रीना कुमारी प्रजापत replied

प्रणाम स्वीकार है, धन्यवाद!

वेदव्यास मिश्र said

पापा अपनी तकलीफ़ किसी को बताते नहीं है आप, रह ना जाए मेरी तकलीफ़ों को दूर करने में कोई कसर इसलिए अपनी तकलीफ़ों को सहते रहते हैं आप पापा आखिर ऐसे क्यों है आप.....? अनमोल भाव..अनमोल वचन. . पापा,आखिर ऐसे क्यूँ हैं आप 💝💝

रीना कुमारी प्रजापत replied

Shukriya 🙏

कविताएं - शायरी - ग़ज़ल श्रेणी में अन्य रचनाऐं




लिखन्तु डॉट कॉम देगा आपको और आपकी रचनाओं को एक नया मुकाम - आप कविता, ग़ज़ल, शायरी, श्लोक, संस्कृत गीत, वास्तविक कहानियां, काल्पनिक कहानियां, कॉमिक्स, हाइकू कविता इत्यादि को हिंदी, संस्कृत, बांग्ला, उर्दू, इंग्लिश, सिंधी या अन्य किसी भाषा में भी likhantuofficial@gmail.com पर भेज सकते हैं।


लिखते रहिये, पढ़ते रहिये - लिखन्तु डॉट कॉम


© 2017 - 2025 लिखन्तु डॉट कॉम
Designed, Developed, Maintained & Powered By HTTPS://LETSWRITE.IN
Verified by:
Verified by Scam Adviser
   
Support Our Investors ABOUT US Feedback & Business रचना भेजें रजिस्टर लॉगिन