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The Flower of WordThe Flower of Word by Vedvyas Mishra

कविता की खुँटी

        

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Dastan-E-Shayra By Reena Kumari PrajapatDastan-E-Shayra By Reena Kumari Prajapat

कविता की खुँटी

                    

मेरे पापा

पापा आखिर ऐसे क्यों है आप.....?
पापा क्यों इतनी तकलीफ़ उठाते हैं आप मेरे लिए,
क्यों हर वक्त दुनियां से लड़ जाते हैं आप मेरे लिए।
बचपन से देखती आई हूॅं,
हर दर्द जो है मेरे हिस्से का उसे अपना बना लेते हैं आप।

बचपन से देखती आई हूॅं,
आज पच्चीस बरस हो गये हैं
आज भी मुझसे उतना ही प्यार करते हैं
जितना बचपन में किया करते थे आप।

लड़खड़ाते हुए पैरों से,इस उम्र में भी,
हो चाहे कड़ी धूप,हो चाहे जाड़े की कड़कती ठंड
या फिर हो सावन की लगी घनघोर बरसात की झड़ी, मेरे साथ मेरी हर तकलीफ़ में हमेशा खड़े रहते हैं आप।

पापा अपनी तकलीफ़ किसी को बताते नहीं
है आप,
रह ना जाए मेरी तकलीफ़ों को दूर करने में कोई कसर
इसलिए अपनी तकलीफ़ों को सहते रहते हैं आप
पापा आखिर ऐसे क्यों है आप.....?
"रीना कुमारी प्रजापत"




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रचना के बारे में पाठकों की समीक्षाएं (5)

+

Lekhram Yadav said

पापा पापा ही हैं उनका कोई सानी नहीं है। लाजवाब रचना है।

रीना कुमारी प्रजापत replied

Bahut bahut dhanyawad apka

Mohan Kumar said

Uttam rachna do do bar padhne ko mili, papa se badhkar koi nahi

रीना कुमारी प्रजापत replied

Bahut bahut shukriya sir ji

Manju Sharma said

Sundar Rachna Papa ji ki yaad aagyi aaj

रीना कुमारी प्रजापत replied

धन्यवाद मेम

अशोक कुमार पचौरी 'आर्द्र' said

Bahut hi bhavnatmak rachna 🙏🙏 bhavuk kar diya aapne Pranam 🙏🙏 sweekar karein

रीना कुमारी प्रजापत replied

प्रणाम स्वीकार है, धन्यवाद!

वेदव्यास मिश्र said

पापा अपनी तकलीफ़ किसी को बताते नहीं है आप, रह ना जाए मेरी तकलीफ़ों को दूर करने में कोई कसर इसलिए अपनी तकलीफ़ों को सहते रहते हैं आप पापा आखिर ऐसे क्यों है आप.....? अनमोल भाव..अनमोल वचन. . पापा,आखिर ऐसे क्यूँ हैं आप 💝💝

रीना कुमारी प्रजापत replied

Shukriya 🙏

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