नन्हें मुन्ने बालक हैं,
बड़े हमारे पालक हैं।
साथ उनके रहते हमेशा
गाते जैसे गायक हैं ।
झूठमूठ न जाने हम
छूता कभी न हमको गम
आगे ही बढते हैं देखो
हर कदम, हर कदम ।
देश हमको प्यारा है
हमने लगाया नारा है
मिल-जुलकर रहते हैं जैसे
परिवार एक हमारा है।
खिलते जैसे प्यारे फूल
मन बड़ा ही है निरमल
देते कभी न किसी को शूल
करते कभी न मन से भूल।
धन्यकुमार जिनपाल बिराजदार,
सोलापुर

The Flower of Word by Vedvyas Mishra
The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra



The Flower of Word by Vedvyas Mishra




