( कविता ) ( मैंने घर बसाया नहीं...)
किसी लड़की का प्रेम प्रस्ताव आया नहीं
इसी लिए मैंने घर अभी बसाया नहीं
किसी भी लड़की से आंख मिलाया नहीं
इसी लिए मैंने घर अभी बसाया नहीं
किसी भी लड़की ने मुझे फंसाया नहीं
इसी लिए मैंने घर अभी बसाया नहीं
किसी भी लड़की ने मुझे समझाया नहीं
इसी लिए मैंने घर अभी बसाया नहीं
मेरे अगल - बगल चरित्रवान लड़की पाया नहीं
इसी लिए मैंने घर अभी बसाया नहीं
किसी भी लड़की से दिल लगाया नहीं
इसी लिए मैंने घर अभी बसाया नहीं
इसी लिए मैंने घर अभी बसाया नहीं......