मैं मनुष्य हूं,
मुझमें गुण अवगुण दोनों है,
दोनों मुझे भीतर बाहर महसूस करवाते हैं,
दोनों मुझे प्रभावित करतें हैं,
मैं स्वयं स्थिर रह सकता हूं,
पर औरों की गति में मुझे भी गति रखनी है,
पर मुमकिन हो कि,
उतनी ही जितनी मैं लंबी दूरी तय कर सकूं,
मुझे विश्वास है कि मेरा विश्वास खोखला नहीं है ,
उस विश्वास में ही एक नीतिगत सफलता है।।
- ललित दाधीच।।