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The Flower of WordThe Flower of Word by Vedvyas Mishra

कविता की खुँटी

        

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Dastan-E-Shayra By Reena Kumari PrajapatDastan-E-Shayra By Reena Kumari Prajapat

कविता की खुँटी

                    

हम सब अदभुत कलाकार

हम सब अद्भुत अदाकार
दुनिया में सब अद्भुत अदाकार हैं
रंग-बिरंगे रिश्तों को निभाते हैं
जो समझोतों की नींव से हैं बनते
दिल नहीं दिमाग से हैं चलते
अहंकार की दीवारों से हैं बनें
समाज के डर से ही हैं सजते
एक पल में अपने से लगते हैं
अगले ही पल में हो जाते हैं पराए
कभी हँसाते हैं कभी रुलाते हैं
मनचाहे एहसासों से हैं बनें
न छोड़ सकते हैं न ही छोड़े जाते हैं
सब अपनेपन का मखोटा पहने जिए जाते हैं।
वन्दना सूद




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रचना के बारे में पाठकों की समीक्षाएं (3)

+

ताज मोहम्मद said

रिश्तों पर बहुत ही लाज़वाब, शानदार लिखा आपने।

वन्दना सूद replied

रिश्ते अपने आप ही सब लिखवा देते हैं 😂

रीना कुमारी प्रजापत said

बहुत सुंदर

वन्दना सूद replied

हर किसी की लाइफ का यही सच है 😊

अशोक कुमार पचौरी 'आर्द्र' said

बहुत ही सुन्दर अभिव्यक्ति अदाकारी इंसान को चाहकर या अनचाहे करनी पड़ रही है या दूसरे तरह से कहा जाये तो ईश्वर ने हमें अदाकार बनाकर भेजा है कुछ ना कुछ अदा करने के लिए लेकिन हम कुछ और ही अदा कर रहे हैं - भावपूर्ण रचना - प्रणाम स्वीकार करें

वन्दना सूद replied

प्रणाम brother 😊

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