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The Flower of WordThe Flower of Word by Vedvyas Mishra The Flower of WordThe novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra

कविता की खुँटी

        

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Dastan-E-Shayara By Reena Kumari Prajapat

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The novel 'Nevla' (The Mongoose), written by Vedvyas Mishra, presents a fierce character—Mangus Mama (Uncle Mongoose)—to highlight that the root cause of crime lies in the lack of willpower to properly uphold moral, judicial, and political systems...The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra

कविता की खुँटी

                    

महंगाई को तुम मुंहतोड़ जवाब दो...

मंहगाई कुछ नहीं बस लोगों का भ्रम है।
लोग उसका इस्तेमाल क्यों नहीं करते जिसकी कीमत कम है।
महंगाई महंगाई रटते हैं और महंगीं वास्तुए हीं खरीदते हैं।
और भले उसका इस्तेमाल हो ना हो पर
टशन वाली रील बनानी नहीं भूलते हैं।
आलू के दाम चढ़ गए तो आलू पे ज़ोर
प्याज़ के दाम चढ़ गए तो प्याज़ पे ज़ोर
अरे भाई जी चीज़ महंगी है उसका इस्तेमाल कम करो ,खुद हीं सस्ती हो जायेगी।
जमाखोरों की चमड़ी खुद ब खुद उधड़ जायेगी।
जो आम जनता की खून पसीने की कमाई हड़पना चाहतें हैं, वो याद रखें
ऊपर वाला सब देखता है।
सौ सोनार की तो एक लोहार की फेंकता है।
पड़ता है जब ई डी इनकम टैक्स का छापा
तब भागते फिरतें हैं करते बापा बापा।
याद आ जातें तब नानी दादी आपा।
क्या खूब होते है देश भर में स्यापा।
सो महंगाई को कमाई से रोकी जा सकती है।
और कमाई को महंगाई से बढ़ाई जा सकती है।
ऐसे जैसे ज्यादा महंगाई तो सस्ती चीज़ें खरीदो और पैसे बचाओ।
उन बचे पैसों को म्यूचुअल फंड्स और अन्य बॉन्डों में इनवेस्ट करो और फ्यूचर
सिक्योर करो...
सो महंगाई नहीं अपनी ज़रुरतों के हिसाब से खर्च करो।
और बचे पैसों से अपना प्रेजेंट फ्यूचर सिक्योर करो
क्योंकि कोई भी मई का लाल कभी भी
महंगाई को कंट्रोल नहीं कर सकता है।
है मंहगाई रक्त बिज़ दो चार आठ सोलह के हिसाब से बढ़ता है।
मंहगाई का असर कमाई पर नही दिमाग पर ज्यादा पड़ता है।
सो महंगाई को दिमाग से निकल दो।
महंगाई को तुम मुंहतोड़ जवाब दो..
महंगाई को तुम मुंहतोड़ जवाब दो...




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रचना के बारे में पाठकों की समीक्षाएं (2)

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अशोक कुमार पचौरी 'आर्द्र' said

Uttam vichar Sundar prasang or mahgaayi ko munhyod jabab dene ka sabse aasan tareeka

अशोक कुमार पचौरी 'आर्द्र' said

Krpya kar muhyod ko munhtod padhein,,truti ke liye kshama prathi hu pranam sweekar karein behad khubsurat Prastuti

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