जो शराब पी है पहली बार मैंने
जिंदगी जी है पहली बार मैंने
थी बात दबी दिल में अरसे से
कर दी है बयाँ बार बार मैंने
मेरी मुरझाई सी थी ग़म ए फसल
सींचा है अश्कों से बार बार मैंने
रंगते रंगीन पानी की कितनी
बताई दिल को बार बार मैंने
शराब पी है लहू नहीं पिया मैंने
बताया सबको बार बार मैंने