खेल-खेल में, कर रहे ये भ्रष्टाचार।
शुल्क वसूलें हजारों में, करें आनाकानी,रशीद देने में तीन चार।
गौर से ,इन तीन मासूम चेहरों को देखिए।
हेरा फेरी की जाती है कैसे, गुर इनसे सीखिए।
सरकारी हैं, सरकार को रखते जेब में।
जांच पड़ताल होती है, अधिकारी को रखते रौब में।
खाय गए लाखों, फूले नहीं समाय रहे।
बैठ लग्जरी गाड़ी में, और इतराय रहे।
बंटवारे के चक्कर में, घर का भेदी लंका ढा गया।
जो देने थे इंकी को, वह डंकी को देकर आ गया।
पड़ रहे छापे बीच बाजार, अपनी आय रहे बताए।
हवालात में खाय रहे हवा, अब रहे पछताए।