लज्जा कैसी?
यह शब्द कहने से
माहवारी ही तो है
प्राकृतिक क्रिया भर है
अज्ञानता क्यों?
महिलाओं के 'उन दिनों' की
उनसे जुड़ी तकलीफों की
अनेक मिथक धारणाओं की
झिझक कैसी?
इस पर बतियाने में
इसको समझने में
मां, बहनों को संभालने में
सहें क्यों?
तिरस्कार 'उन दिनों' में हम
भेदभाव मंदिरों में हम
रोका टोकी भला हम
क्यों न?
सिखाएं अपने लड़कों को
मिटाएं बेमानी रस्मों को
सशक्त करें लड़कियों को...
----शीतल अग्रवाल