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The Flower of WordThe Flower of Word by Vedvyas Mishra

कविता की खुँटी

        

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Dastan-E-Shayra By Reena Kumari PrajapatDastan-E-Shayra By Reena Kumari Prajapat

कविता की खुँटी

                    

हर किसी से मेरा खयाल ना मिलता है-ताज मोहम्मद

मैँ जानकारी रखता नहीं कि यह जमाना मुझे क्या समझता है।
किस किस को देखू हर किसी से मेरा खयाल ना मिलता है।।1।।

कोई सुना दो उसको अच्छे से किस्सा फ़िरौन की दास्तान-ए-बर्बादी का।
मग़रूर है बड़ा वह बंदा खुद की ही जात को खुदा समझता है।।2।।

हर किसी भी चीज का होता है एक दायरा इस दुनियां में लोगों।
रास्ते सारे बंद हो जाएंगे हिदायत के जब कहरे ईलाही पड़ता है।।3।।

मेरे महबूब तुझे क्या हुआ है जो आज इतना मुस्कुरा रहा है।
लगता है आज दिल के सेहरा में जमाने बाद पानी बरसता है।।4।।

यह इश्क़ है गुलफ़ाम ज़िन्दगी में होता नही इतना आसान।
अपने दिल-ए-यार की चाहत में दीवाना कुछ भी कर गुजरता है।।5।।

हर चीज है बाज़ार में बिकने के लिए इन्सानों की दुनियां में।
एक माँ के ही रिश्ते की मोहब्वत का कोई भी मोल ना लगता है।।6।।

ताज मोहम्मद
लखनऊ







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रचना के बारे में पाठकों की समीक्षाएं (1)

+

अशोक कुमार पचौरी 'आर्द्र' said

Sach kaha Taaj Sahab maa ke rishtey ko koi mol nahi hota, fir bhi aajkal anmol maa ko vradhshram ya Ghar m hi takleefon m dekha ja skta hai logon ki soch ko kya hua hai, khair jaisa karenge vesa bharenge bhi...par yahi dua hai kisi bhi maa ko uski aulad ke dwara dukh na mile

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