शुक्रगुज़ार हैं हम
हम तो कुछ भी नहीं थे
परमात्मा ने हमें बहुत कुछ बना दिया
परिवार ऐसा मिला
जो संस्कारों से भरा था
ससुराल मिला ऐसा
जो नई चुनौतियों से घिरा था
हर पथ पर उनका साथ मिला ऐसा
कि आज हर पन्ना तजुर्बों से भरा है
नहीं बचा कोई सवाल अब ज़िन्दगी से हमें
पर कितनों के सवालों का जवाब हमें बना दिया
हैरान हैं हम कि आज हमारा जीवन-परिचय लिखा गया
क्या सच में ?प्रभु ने हमें इतना काबिल बना दिया
शुक्रगुज़ार हैं आज हम ,उन सभी का
जिन्होंने बिन मोल को अनमोल बना दिया ..
वन्दना सूद