कापीराइट गजल
हालात मुल्क के आजकल कुछ अच्छे नहीं हैं
इस में रहने वाले सब लोग भी ये सच्चे नहीं हैं
कोई रहता है हर समय यहां दौलत के नशे में
मिली नहीं रोटी जिनके हालात अच्छे नहीं हैं
तैयार हैं बहुत इस देश पर मर मिटने के लिए
मगर यह ख्यालात हम सभी के अच्छे नहीं हैं
पङा हुआ है हर कोई जाति धर्म के चक्कर में
इन्सानियत के लिए ऐसे लोग ये अच्छे नहीं हैं
जुर्म करते समय धर्म आङे क्यूं आता नहीं है
कट्टरवाद किसी मजहब के अब अच्छे नहीं हैं
गर नमक खाया है देश का अदा करना सीखो
अपने ईमान से मुकरने वाले सभी अच्छे नहीं हैं
छोङो हर गलत आदत, गर रहना है देश में
गलतफहमी में जीने वाले, कभी अच्छे नहीं हैं
सोचो कुछ अच्छा और करो कुछ नया तुम भी
सही सोच रखने वाले लोग कभी रूकते नहीं हैं
जो, सोचते हैं रात-दिन, इस देश की खातिर
उन के मजबूत इरादे यादव अब
कच्चे नहीं हैं
- लेखराम यादव
(मौलिक रचना)
सर्वाधिकार अधीन है

The Flower of Word by Vedvyas Mishra
The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra



The Flower of Word by Vedvyas Mishra




