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The Flower of WordThe Flower of Word by Vedvyas Mishra The Flower of WordThe novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra

कविता की खुँटी

        

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Dastan-E-Shayara By Reena Kumari Prajapat

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The novel 'Nevla' (The Mongoose), written by Vedvyas Mishra, presents a fierce character—Mangus Mama (Uncle Mongoose)—to highlight that the root cause of crime lies in the lack of willpower to properly uphold moral, judicial, and political systems...The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra

कविता की खुँटी

                    

लहरों का मौसम है - चेतावनी गीत - वेदव्यास मिश्र

लहरों का मौसम है,
लहरों से बचके रहिये !!
जानलेवा है आग-पानी,
इसे हल्के में ना लीजिये !!

पिकनिक के मौसम में,
मनमाफ़िक घूमिये बेशक़ !!
पर लौटना भी है घर,
हो सके तो ये ना भूलिये !!

लहरों से न अपना रिश्ता,
सागर हो..नदी या नाले हों !!
सेल्फी के चक्कर में,
ना रिस्क ज्यादा लीजिये !!

- वेदव्यास मिश्र


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रचना के बारे में पाठकों की समीक्षाएं (6)

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रीना कुमारी प्रजापत said

सही कहा भाईसाहब आपने आज के दौर में लोग selfie के चक्कर में इतने अंधे हो गए हैं कि मौत के मुंह में तक चले जाते हैं selfie लेने के लिए, एक selfie के लिए ये अपनों के साथ बहुत बड़ा दगा कर जाते हैं...बरसात के मौसम में अपनी रचना के माध्यम से एक बहुत ही बड़ा और अहम संदेश लोगों तक पहुंचाया है आपने, आपका बहुत बहुत शुक्रिया 🙏प्रणाम

अशोक कुमार पचौरी 'आर्द्र' said

Pranam Acharya ji🙏🙏 bahut hi sundar sakaratmak sandesh yadi selfie ke deewane samjh payein toh.

वेदव्यास मिश्र said

रीना कुमारी प्रजापत जी, मेरी प्यारी बहन..बहुत-बहुत स्नेहाशीष पहुँचे !! आजकल बहुत ही डरावने वीडियो देखने में आ रहे हैं !! लोग क्यों नहीं समझते कि ये रिस्क जानलेवा है..मगर फिर भी..आखिर ऐसा क्यों ?? दूसरे की तो छोड़िए मैम, सर्च कीजियेगा ..देवपहरी, कोरबा,छत्तीसगढ़ ..हम लोग पिछले साल गये थे इसी बारिश के मौसम में !! दो दिन पहले ही दो खतरनाक हादसे हुए थे !! लोकेशन देखने में सिंपल दिख रहा था मगर अनुमान लगाया जा सकता है !! एक काफी बड़ा पथरीला खुला स्पेस और अपेक्षाकृत बीचों-बीच ऊँचा है..जिसके चारों तरफ छह- सात जगह झरने हैं !! इस स्पेस के झरना के अपोजिट साइड में थोड़ी दूर बाद गहरी खाई है !! लोग लालच में बीच वाले खाली जगह में पहुँचते हैं और नज़ारा देखकर एक सन्तुष्टि महसूस करते हैं कि इतनी दूर से आये हैं तो थोड़ा रिस्क लेते हैं और आगे बढ़ जाते हैं !! अचानक कहीं बारिश होती है..झरने चारों तरफ से अचानक भरने लगते हैं..फिर क्या ,बचके निकल गये तब तो सौभाग्य वर्ना ये रिस्क हर साल की दुखद कहानी है !! हम लोग,जिस दिन गये थे ..बीचो-बीच ऊँची सतह तक जाने में कोई दिक्कत नहीं थी !! पानी लगभग था ही नहीं और झरने की धार भी बहुत पतली थी !! बच्चों के और लोगों के जोश में हमें भी जाना पड़ गया !! की लोग तो खाई तरफ जाकर सेल्फी ले रहे थे !! अचानक बूँदा-बाँदी शुरू हुई !! अभी कुछ सोचते कि देखते ही देखते झरने का प्रवाह तेज होने लगा !! हम लोग तो तत्काल निकल गये मगर बहुत से रिस्की लोग बाहर निकलने के फिराक में नहीं थे !! शाम होने को था और हमें लगभग-लगभग दो सौ किलोमीटर दूर अपने घर आना भी था..हम निकल लिए !! हमने सामने-सामने देखा था जल का स्तर तेजी से बढ़ते हुए !! कोई निकल जाता है..कोई फँस जाता है..बस इतनी ही कहानी है !! जाने वाला तो चला जाता है मगर घर के बाकी सदस्य लोगों के लिए यह घटना जिन्दगी भर के लिए नासूर बनकर रह जाती है !! आभार मैम उपस्थिति के लिए 🙏💖💖🙏

वेदव्यास मिश्र said

अशोक कुमार पचौरी 'आर्द्र जी, सही बोले भाई साहब..अगर सेल्फी के दीवाने समझ जायें और संभल जायें तो !! स्नेहाशीष 💖💖

Komal Raju said

Bilkul sahi kha...photo lene ki bhi ek jagh or time hota ha. Bo tabhi sahi ha. Apna khyl rkhe apne liye nahi apno ke liye.

वेदव्यास मिश्र said

Komal Raju जी, सहृदय स्वागत !! आपकी अनमोल प्रतिक्रिया के लिए हृदय से आभार 🙏🙏

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