बनो इतना काबिल की कोई रोक ना पाये।
रख दो हाथ जिस चीज़ पर वो तुम्हारी हो जाय।
क्यूं लगे हो तुम इन प्यार मोहब्बतों की चक्करों में।
यह समय का व्यय है इस वक्त को यूहीं गुजरने ना दो।
उठा कर गांडिव चढ़ा का प्रत्यंचा आंख
मछली की भेद दो।
ज़वान हो की तुम अभी महान हो
भारत की आन बान शान हो।
जवानियां सिर्फ़ प्यार इश्क मोहब्बत के लिए हीं नहीं बल्कि पूरे जोश खरोश से देश की सेवा में लग जाना है।
आने वाले पीढ़ियों को कुछ देकर जाना है।
क्योंकि , देने वालों को हीं अक्सर याद रखता ज़माना है।
बाकी सब बहाना है।
क्या ख़ूब ज़माना है....
क्या खूब ज़माना है ..