जब जागो तभी सवेरा ऐसा तो मैंने खूब सुना है,
गिला नहीं कोई शिकवा नहीं अभी तो पथ चुना है।
बीता समय न वापस आता उस पर क्यों पछताऊं,
शेष जो भी जीवन उसका ही उपयोग कर जाऊं।
इसी सोच के साथ जीवन पथ पर आगे बढ़ जाता हूं,
कभी कष्ट नहीं आता जीवन में खुशियां ही मैं पाता हूं।
जब से मैंने होश संभाला समय की गति पहचानी है,
समय हमेशा गतिमय रहता इसकी कीमत जानी है।
बीता समय बहुत अच्छा था आने वाला भी अच्छा है,
कोई साथी नहीं जगत में समय ही साथी सच्चा है।
उसी समय से समय मांगकर कुछ तो लिखता रहता हूं,
अभी-अभी तो चलना सीखा बिल्कुल सच कहता हूं।
---- बीपी सिंह यादव