तिरस्कार करने के तरीके देखो।
सोशल मीडिया के झरोखे देखो।।
प्रेम के बदले प्रेम मिलेगा जरूर।
निस्वार्थ प्रेम को कभी देके देखो।।
मोहब्बत एक तरफा हो हर्ज क्या।
सम्भव हो तो सम्मान देके देखो।।
मुकाबला करके कुछ हासिल नही।
उसे 'उपदेश' अधिकार देके देखो।।
- उपदेश कुमार शाक्यवार 'उपदेश'
गाजियाबाद