"ग़ज़ल"
ज़िंदगी के सफ़र में हम-सफ़र ढूॅंढता हूॅं!
बस उसी को मैं शाम-ओ-सहर ढूॅंढता हूॅं!!
जो उल्फ़त की मंज़िल तक पहुॅंचा दे यारों!
वही प्यार की मैं रहगुज़र ढूॅंढता हूॅं!!
तेरी तलाश में दिलबर मैं भटका बहुत हूॅं!
जिस पे चल के तुझे पा लूॅं वो डगर ढूॅंढता हूॅं!!
तू कहाॅं है? किधर है? बता दे जिधर है?
मुझे क्या ख़बर मैं बे-ख़बर ढूॅंढता हूॅं!!
मेरी फ़रियाद रब तक न पहुॅंची 'परवेज़'!
मैं दुआओं में अपनी असर ढूॅंढता हूॅं!!
- आलम-ए-ग़ज़ल परवेज़ अहमद
© Parvez Ahmad
The Meanings Of The Difficult Words:-
*शाम-ओ-सहर = शाम और सुबह (evening and morning); *उल्फ़त = मोहब्बत (love); *रहगुज़र = रास्ता (way or path); *डगर = रास्ता (way or path); *फ़रियाद = विनती (appeal or entreaty); *असर = प्रभाव (effect or influence).