कापीराइट गीत
ये कितनी बार कहूं मैं तुम से
ये काम मेरा अब कर दो तुम
यह, दिल उदास, हो जाता है
जब काम नहीं, करते हो तुम
मैं, बार-बार, जब, कहता हूं
तुम, गुस्से में, आ, जाते हो
मेरे, दिल पर, क्या गुजरी है
ये बात समझ नहीं पाते हो
आते, हैं मन में, ख्याल बुरे
जब बात नहीं सुनते हो तुम
ये दिल उदास --------------
मैं उलझन में पड़ जाता हूं
यह काम कहूं, या ना कहूं
मेरे मन में ही रह जाती है
मैं ये बात कहूं या ना कहूं
क्यूं मेरे मन में, अक्सर ये
कोहराम मचा जाते हो तुम
ये दिल उदास -------------
बचने की करता हूं कोशिश
अब, मैं तेरे, आगे, आने की
ये काश समझ जाते खुद ही
यह, बात नहीं, समझाने की
कैसे समझाऊं ये बात तुम्हें
क्यूं बात समझ न पाते तुम
ये दिल उदास----------------
तुमसे अच्छी तो खामोशी है
जो रिश्तों को संजोए रखती है
हर बात तेरी इन, आंखों को
यूं अश्कों से भिगोए रखती है
हम आहें भरकर रह जाते हैं
यूं जब साथ नहीं देते हो तुम
ये दिल उदास------------------
- लेखराम यादव
( मौलिक रचना )
सर्वाधिकार अधीन है

The Flower of Word by Vedvyas Mishra
The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra



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