कविता : सामान ढोने वाले....
कोई बलवान हैं
कोई फिर महान हैं
कोई होशियार हैं
कोई समझदार हैं
कोई लिखे पढ़े हैं
कोई बहुत बड़े हैं
एक हम ऐसे हैं
सड़े केले जैसे हैं
न हम पढ़ पाए
न आगे बढ़ पाए
बास यूंही पड़े हैं
सड़क पर खड़े हैं
गंदे और काले हैं
सामान ढोने वाले हैं
सामान ढोने वाले हैं.......