शिक्षा है ज्ञान अमृत, शिक्षा है ज्ञान ज्योति।
है दीप्तिमान हीरा, है मूल्यवान मोती। ।
है अंधकारमय ही,
शिक्षा बिना ये जीवन।
सारे धनों में उत्तम,
शिक्षा है वही धन। ।
लूटे न चोर, डाकू,
भाई न बांट पाए।
ये ज्ञान सिंधु व्यय से,
बढ़ता ही नित्य जाए। ।
इसमें नहाओ निशदिन, अज्ञानता ये धोती।
है दीप्तिमान हीरा, है मूल्यवान मोती। ।
मिट्टी सदृश मनुज को,
आकार देती शिक्षा।
सम्मान और सुरक्षा,
अधिकार देती शिक्षा। ।
शिक्षा है सच्ची साथी,
इसको बनाओ अपना।
आकाश से भी विस्तृत,
साकार कर लो सपना ।।
ये शून्य से शिखर तक, पहुंचा अवश्य देती।
है दीप्तिमान हीरा, है मूल्यवान मोती।।
निर्धनता एक चुनौती,
अज्ञानता है कारण।
शिक्षा ही मुक्तिपथ है,
शिक्षा ही है निवारण।
शिक्षा की ओर आओ ,
हम-सब कदम बढ़ाएं।
बेटे को भी पढ़ाएं,
बेटी को भी पढ़ाएं।।
शिक्षा बिना मनुज की उन्नति कभी न होती।
है दीप्तिमान हीरा, है मूल्यवान मोती।।
Shikha Prajapati
Kanpur dehat