बहुत कोशिशों के बाद एक ख्याल आया,
ख्याल आया मगर सवाल रह गया,
कुछ कोशिशों के बाद सवाल भी आया,
सवाल हुआ मगर ख्याल रह गया,
बड़ी झंझा के बाद सवाल और ख्याल दोनों होते रहे,
मगर कोशिश घर कर गई,
ख्याल रह गया,
सवाल रह गया,
कोशिश ने मुझसे पूछा कि तुम्हारा घर किधर है,
मैंने जवाब दिया तो कहा,
जाओ उधर,
अब चलें जाओ।।
- ललित दाधीच।।