आजकल उम्मीद नही हिचकियों पर।
फिर भी नजर ज़माई खिड़कियों पर।।
तरस आ जाता दे भी देता माँगने पर।
मगर भरोसा कैसे करे ल़डकियों पर।।
कोई पूछे मेरी आँखों में उदासी क्यों?
दिल हार आया जब से बस्तियों पर।।
मन नही भरता फोन पर बात करके।
ज़ज्बात भारी लगते उन चिट्ठियों पर।।
बहक जाने को दिल बेकरार 'उपदेश'।
ख्वाब में रुआब चल रहा परियों पर।।
- उपदेश कुमार शाक्यावार 'उपदेश'
गाजियाबाद

The Flower of Word by Vedvyas Mishra
The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra



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