सर छुपाने को जो कोई और ठिकाना मिल जाता
हमसे दामन छुड़ाने का अच्छा बहाना मिल जाता
तीर जो खाली भला अफसोस करना क्या उनका
जिगर के पाससे ही दिल का निशाना मिल जाता
उनकी आहों से फूटती है बड़ी शायरी की खुशबू
खुदा हमें भी कोई ये शेरों का खजाना मिल जाता
मां के आंचल में बहुत गहरी मीठी नींद आती थी
काश एक बार वही लोरी का जमाना मिल जाता
बड़ी उम्मीद लिए दर पे हम आएं हैं मौला सुनलो
दास गुनहगार है जरा अदबी ठिकाना मिल जाता II