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The Flower of WordThe Flower of Word by Vedvyas Mishra

कविता की खुँटी

        

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Dastan-E-Shayra By Reena Kumari PrajapatDastan-E-Shayra By Reena Kumari Prajapat

कविता की खुँटी

                    

खुश्किस्मत ऐसा भी

कुछ दिनों पहले
की है बात
दुर्घटना हुई
दोस्त के साथ

बाइक चलाते-चलाते
कार से टकराया
बाइक तो टूटी फूटी ही,
खुद भी लपेटे में आया

डॉक्टर ने हाथ पर
प्लास्टर चढ़ाया
एहतियात बरतने को
बोल मोटा बिल बनाया

फिर लगा
आने वालों का तांता
क्या हुआ, कैसे हुआ
वो सुनते, मित्र सुनाता

हर आगंतुक
सहानुभूति जताता
कितना भाग्यशाली है,
खुलासे से बतलाता

गनीमत है कि बायां
हाथ हुआ चोटिल
दायां होता तो
होती बड़ी मुश्किल

शुक्र है सर के
बल नहीं गिरा
और चेहरे का
भूगोल नहीं बिगड़ा

चलो अच्छा है
सुनसान जगह गिरे
वरना आती जाती गाडियों
में पैर भी जाते धरे

कितना बढ़िया है
कि कार से जा टकराए
बुरे वक्त में तो आदमी
ट्रक से भिड़ आए

अंतिम वाक्य था
सबका समान
अच्छा चलते है
रखना ध्यान

सारे मामले से
मित्र ने बात समझ ली
उसके जैसा नहीं है
कोई भी भाग्यशाली




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रचना के बारे में पाठकों की समीक्षाएं (5)

+

Lekhram Yadav said

और आपकी खूबसूरत कविता पढ़ने में हम जैसा भाग्यशाली भी कोई नहीं, बहुत सुन्दर कविता पेश की आपने। आपको सुप्रभात सहित सादर नमस्कार।

Chitra Bisht replied

Thanks for the motivation

Arpita pandey said

बहुत खूब

Chitra Bisht replied

Dhanyavaad

अशोक कुमार पचौरी 'आर्द्र' said

शुक्र है सर के बल नहीं गिरा और चेहरे का भूगोल नहीं बिगड़ा ---- सारे मामले से मित्र ने बात समझ ली उसके जैसा नहीं है कोई भी भाग्यशाली Waah bahut sundar ek accident or uske baad ki paristhiti ko bahut khoob rachnatmkta ke sath vastvik rakhte huye bayan kiya hai...Uttam rachna ✍️✍️

Chitra Bisht replied

Aapka shukriya

रीना कुमारी प्रजापत said

Bahut sundar prastuti

Chitra Bisht replied

Thank you Reena ji

वन्दना सूद said

wah!!बात तो टक्कर लगने से ही समझ आ गई होगी पर लोगों ने डरा डरा कर और अच्छे से समझा दिया होगा 😊मस्त लिखा

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