अब तेरी सूरत ना देखेंगे ज़िंदगी भर,
अब तुझे याद भी ना करेंगे ज़िंदगी भर।
जो आज तूने दर्द दिया,
उसे हम नहीं भूलेंगे ज़िंदगी भर।।
तू हमसे बात करने को तरसेगी,
पर हम तुझसे बात ना करेंगे ज़िंदगी भर।
तू देखने को भी तरसेगी हमे,
पर हम तुम्हें अपनी सूरत ना दिखाएंगे ज़िंदगी भर।।
तू ताने जो मार रही,
वो याद रहेंगे ज़िंदगी भर।
तू इतना पछताएगी,
कि पश्चाताप की आग में
जलती रहेगी ज़िंदगी भर।।
तूने ऐसे-ऐसे लफ़्ज़ आजमाए मेरे लिए,
जो मेरे कानों में गूंजते रहेंगे ज़िंदगी भर।
जो इल्ज़ामों के बाण तूने चलाए है मुझ पर,
वो भी चुभते रहेंगे ज़िंदगी भर।।
✍️ रीना कुमारी प्रजापत ✍️