तोप तलवार नहीं तीर चलाए तुमने
सिर्फ नजरों से सभी मार गिराए तुमने।
जिंदगी तुझसे भला कौन नही डरता है
एक जुंबिश में सभी दुर्ग ढहाए तुमने।
नफरत करे कोई अब या इश्क आपसे
मरहम जरा देके खंजर भी चलाये तुमने।
तुमसे ऊपर है कहां दास कोई बाजीगर
सर्द रातों में भी दिलो जिस्म जलाए तुमने।
एक के बाद एक जलजले आते ही रहेंगे
खूब मौसम के जोहर दिखलाये तुमने lI

The Flower of Word by Vedvyas Mishra
The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra



The Flower of Word by Vedvyas Mishra




