सीने पे मेरे छुरियाॅं रोज चला रहे हैं,
ये दुनियां वाले कितने ज़ालिम है
मुझे कितना सता रहे हैं।
वक्त, बेवक्त, हरवक्त वार सिर्फ़ मुझपर करते हैं,
ये दुनियां वाले किसी और से नहीं
बस मुझसे जलते हैं।।
सितम पर सितम किए जा रहे हैं,
ना जाने क्यों मुझे इतना तड़पा रहे हैं।
ये दुनियां वाले बड़े बेदर्दी है
ये दुनियां वाले बड़े बेदर्दी है,
कोई अपनी ज़िंदगी अपने तरीके से जिए
ये खटकता है इन्हें,
हमें दर्द देने से सुकून मिलता है इन्हें।
ये दुनियां वाले बड़े ज़ालिम है
मुझे कितना सता रहे हैं।।
"रीना कुमारी प्रजापत"