कविता : परेशान....
जिंदगी से परेशान हूं
जिसे देखूं हैरान हूं
वैसे मैं जवान हूं
किसी के लिए नादान हूं
रिश्तेदारों का मेहमान हूं
परायों का अनजान हूं
दोस्त कहते शान हूं
दुश्मन कहते शैतान हूं
कोई कहते भुक्तान हूं
कोई कहते नुकसान हूं
तभी तो मैं परेशान हूं
जिसे देखूं हैरान हूं
जिसे देखूं हैरान हूं.......