कविता : नया नया खटिया....
ग्राहक, मैं और मेरी बीबी के लिए एक
नया नया खटिया चाहिए
खटिया हमें अच्छा दो और
खटिया का मूल्य भी बताईए
व्यापारी, जनाब आज ही नया नया
खटिया बनाया है
मूल्य है इस का आठ हजार इसे
अच्छे से चमकाया है
फिर ग्राहक ने खटिया
खरीद लाया
उस ने उस पर
बिस्तर बिछाया
उसके बाद उस पर मिया
बीबी बैठ गए
बैठने के बाद वे दोनों
ही लेट गए
खटिया में लेटे ही थे कि खाट
धड़ाम से टूट गई
फिर बीबी की हाथ टूटी बीबी भी
मिया से रूठ गई
ये देख मिया पहुंचा उसी
बखत बाजार
बोला, व्यापारी से ये खाट
दिया कैसे बेकार ?
बिस्तर पर मिया बीबी सोए ही थे कि
खटिया टूटी तुम्हारी
बिल्कुल भी कुछ गलती
थोड़ी भी न थी हमारी
खटिया टूटने के साथ मेरी
बीबी की हाथ भी टूट गई है
हाथ टूटते ही मेरी बीबी
बहुत मुझ से रूठ गई है
दुकानदार जी एक
इतना काम कर दो
हमारे नुकसान का बास तुम
हर्जाना भर दो
व्यापारी, खटिया मैंने तुम को तो
बहुत बढ़िया दिया है
शायद तुम दोनों ने उस पर ज्यादा
ही उछलकूद किया है
इस लिए खटिया टूटा तुम्हारी बीबी का
हाथ टूटा देखने में ऐसा लगता है
देखो बरखुरदार तुम्हारा हर्जाना तो
हम बिल्कुल भी नहीं दे सकता है
इसी बात पर ग्राहक और व्यापारी
एक दूसरे पर गाली गलौज फेंक रहे
वहां पर बांकी लोग सारे के
सारे उनकी ये तमाशा देख रहे
वहां पर बांकी लोग सारे के
सारे उनकी ये तमाशा देख रहे.......
netra prasad gautam

The Flower of Word by Vedvyas Mishra
The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra



The Flower of Word by Vedvyas Mishra




