एक ही वजह नहीं होती शायर बनने की,
हज़ारों वजह है जो किसी को शायर
बना देती है।
कहते हैं बिना इश्क़ के इश्क़ पर
लिखा नहीं जा सकता,
पर इश्क़ का अर्थ, एक ही तो नहीं होता।
जब कायनात किसी को शायर बनाना चाहती है,
तो हर ग़म, हर खुशी से उसे भर देती है।
फ़कत ग़म या तन्हाई का ही वास्ता नहीं होता
शायरी से,
कभी लगाव और खुशियाॅं भी किसी को
शायर बना देती है।
🥀🥀 रीना कुमारी प्रजापत