इश्क कभी भी आशिकों से इजाज़त नहीं लेती,
चाहे वह शादी शुदा ह़ो या कुंवारा,
इसे जिससे होना होता है वह बस होकर रहता है,
जी हाँ, बड़ा मुश्किल होता है,
शादी शुदा के दिल में मुहब्बत का घर बनाना,
यह अपने आप में एक अलग लेवल का इश्क होता है
----धर्म नाथ चौबे 'मधुकर'