तू लड़की बेगमपुर की ll
मै महाराज घाट का लड़का ll
करके इश्क तुझसे मिलने को तराशा ll
तू लाडली बेटी अपनी माँ की ,
जिनके करना तू ने मुझसे बात करना छोड़ा ll
भूल गई क्या तू अपना वादा
मै न भूला तुझे न ही अपना वादा ll
तेरी यादों में तड़पना मंजूर है मुझे ll
मस्ती में रहने वाला मैं ll
अब तन्हा में रहने वाला हूं ll
तेरे सिवा किसी से इश्क नहीं करता ll
इसलिए अब तन्हा रहता हूं ll
तुमसे कितना इश्क है ll
तुझे बता नहीं पाऊंगा ll
लेकिन इश्क तुम्ही से जटाऊंगा ll
कभी गले लगा कर तुम भी कहो ,
मैं भी तन्हा हूं तुम्हारे बगैर ll
कभी तुम भी कोशिश करो मेरे पास आने का ,
आ जाओ न तुम मेरे पास ll
तुम्हारे बिना हर पल अधूरा सा लगता है ll
पहली लड़की हो तुम ll
जिसे परिवार के बाद मैने ,
जिसे खुद से ज्यादा इश्क किया ll
तुम्हारे खातिर खुद को दर्द दिया ll
तुम्हारे खातिर जो रोया हूं मैं ll
मेरी इश्क रिंकी
शिवम् जी सहाय